सबसे बड़ा छात्र प्रदर्शन और लाठीचार्ज दिसंबर 2024 के अंतिम सप्ताह और जनवरी 2025 की शुरुआत में हुआ था। पटना के डाकबंगला चौराहे पर इस दौरान कई बार छात्रों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, खासकर दिसंबर 2024 के अंतिम दिनों में।
पटना, बिहार। दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 की शुरुआत में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (PT) को रद्द करने की मांग पर हुए छात्र आंदोलन और लाठीचार्ज को आज एक साल होने वाला है। लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करने वाले इस उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद, अब यह मामला शांत हो चुका है और परीक्षा अपने अगले चरण में पहुंच गई है।
विरोध प्रदर्शन का संक्षिप्त इतिहास
13 दिसंबर 2024 को आयोजित 70वीं BPSC PT में कथित अनियमितताओं के बाद, आयोग ने पटना के केवल एक केंद्र ‘बापू परीक्षा परिसर’ की परीक्षा रद्द कर दी थी। इस आंशिक रद्दकरण के विरोध में, पटना के डाकबंगला चौराहे समेत पूरे राज्य में अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए थे। उनका कहना था कि एक केंद्र के लिए री-एग्जाम कराने से नॉर्मलाइज़ेशन (Normalisation) की प्रक्रिया में अन्य छात्रों का नुकसान होगा, इसलिए पूरी परीक्षा रद्द होनी चाहिए। इस दौरान हुए उग्र प्रदर्शनों को काबू करने के लिए पुलिस ने कई बार लाठीचार्ज भी किया था।
वर्तमान स्थिति (05 दिसंबर 2025)
विरोध और कानूनी चुनौतियों के बावजूद, आयोग ने परीक्षा को पूरी तरह रद्द नहीं किया।
- पुनर्परीक्षा: बापू परीक्षा केंद्र की पुनर्परीक्षा 04 जनवरी 2025 को सफलतापूर्वक आयोजित की गई।
- परिणाम और मेंस: BPSC ने जनवरी 2025 में प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। इसके बाद, सफल अभ्यर्थियों के लिए अप्रैल 2025 में मुख्य परीक्षा (Mains) भी संपन्न हो चुकी है।
- न्यायिक स्थिति: अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना उच्च न्यायालय में दायर की गई कई याचिकाएं (CWJC No-369/2025 सहित) दाखिल की गई थीं। आज की तारीख में, अंतिम न्यायिक आदेश का विवरण आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हो सकता है, लेकिन मुख्य परीक्षा हो जाने के कारण रद्द होने की संभावना लगभग समाप्त हो चुकी है।
यह घटना बिहार के प्रशासनिक सेवा अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक बन गई, जिसने सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में पारदर्शिता और छात्रों के हितों पर नए सिरे से चर्चा शुरू की थी।
