24 नवंबर 2025 | पटना, बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा गया जब जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 20 नवंबर 2025 को गांधी मैदान, पटना में रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भव्य समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित NDA के कई दिग्गज नेता मौजूद थे। NDA की भारी जीत के बाद गठित नई कैबिनेट में 26 मंत्री शामिल हुए, जिनमें एक मुस्लिम चेहरा और तीन महिलाएं भी हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सरकार सीमांचल जैसे पिछड़े इलाकों को न्याय दे पाएगी? और AIMIM का NDA को समर्थन क्या नया मोड़ लाएगा?
शपथ ग्रहण समारोह में लाखों की भीड़ जुटी, जहां जीविका दीदियों ने NDA की जीत में अहम भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार का हाथ थामकर विजय घोषित की और कहा, “नीतीश जी एक अनुभवी प्रशासक हैं। ये मजबूत टीम बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।” उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी बधाई दी, उम्मीद जताई कि नई सरकार विकास, अच्छे शासन और समावेशी प्रगति लाएगी।
नई कैबिनेट में कौन-कौन शामिल? (पार्टीवार पूरी लिस्ट)
NDA की 2025 विधानसभा चुनाव में 243 में से 202 सीटें जीतने के बाद बनी कैबिनेट में संतुलन बनाया गया है। कुल 27 सदस्य (मुख्यमंत्री सहित), जिसमें भाजपा से 14, जदयू से 8, और सहयोगी दलों से बाकी। यहां मुख्य नाम:
- भाजपा (14 मंत्री): सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री), विजय कुमार सिन्हा (उपमुख्यमंत्री), दिलीप जायसवाल, मंगल पांडेय, राम कृपाल यादव, नीतिन नवीन, संजय सिंह टाइगर, नारायण प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, लखेंद्र कुमार रोशन, प्रमोद कुमार, रामा निषाद, श्रेयसी सिंह (नई, शूटिंग चैंपियन), संतोष सुमन।
- जदयू (8 मंत्री): विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, मदन सहनी, सुनील कुमार, मोहम्मद जमा खान (मुस्लिम चेहरा)।
- अन्य दल: संजय कुमार सिंह (LJP-रामविलास), संतोष कुमार सुमन (HAM-S), दीपक प्रकाश (RLM)।
इस बार 10 नए चेहरे जोड़े गए, जो युवा और महिलाओं को प्रतिनिधित्व देते हैं। नीतीश कुमार ने शपथ के बाद कहा, “जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगे। बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बनाएंगे।”
AIMIM का NDA को समर्थन: सीमांचल को न्याय का वादा?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने NDA सरकार को बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया है। पार्टी नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “सीमांचल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में न्याय और विकास की जरूरत है। हम NDA की सरकार गिराने का काम नहीं करेंगे, लेकिन मुद्दों पर सवाल उठाएंगे।” ये समर्थन बिहार की 2025 चुनावी राजनीति का नया ट्विस्ट है, जहां महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया।
विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने बधाई दी, लेकिन कहा, “नई सरकार जनता की आकांक्षाओं पर खरी उतरे।” नीतीश के बेटे निशांत कुमार ने भी कहा, “जनता ने अपेक्षा से ज्यादा दिया, आभार।”
बिहार पर क्या असर? विकास का नया दौर?
नीतीश कुमार अब 19 साल से ज्यादा समय से मुख्यमंत्री हैं – देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले। 2005 से हर चुनाव जीतकर सत्ता में बने रहने का रिकॉर्ड। नई सरकार का फोकस: विकास योजनाएं, बुनियादी ढांचा, और समावेशी विकास। लेकिन सिवान-गोपालगंज जैसे इलाकों में आतिशबाजी के बीच लोग पूछ रहे हैं – कब आएगा असली बदलाव?
बाहरी मामलों के मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “नीतीश के नेतृत्व में बिहार तेजी से प्रगति करेगा।” गांधी मैदान में चौथी बार शपथ लेने का ये ऐतिहासिक मौका बिहार के भविष्य को नई दिशा दे सकता है।
क्या AIMIM का समर्थन स्थिरता लाएगा? या विपक्ष नई रणनीति बनाएगा? आपकी राय कमेंट में बताएं!
by कमर फारूकी, न्यूज़360
