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उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM में इस्तीफों का सिलसिला: लेटेस्ट अपडेट

बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हाल ही में नीतीश कुमार सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को पंचायती राज मंत्री बनाए जाने के फैसले से पार्टी में भारी असंतोष फैल गया। गुरुवार (27 नवंबर 2025) को सात प्रमुख नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया, जो वंशवाद (नेपोटिज्म) के आरोपों से प्रेरित था। यह घटना बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक बाद आई है, जहां RLM ने NDA गठबंधन के तहत 6 सीटों पर से 4 जीती थीं, लेकिन चार विधायकों को दरकिनार कर बेटे को मंत्री पद दिलाने से आंतरिक विद्रोह भड़क उठा।

इस्तीफा देने वाले प्रमुख नेता

  • महेंद्र कुशवाहा: बिहार राज्य पार्टी अध्यक्ष
  • जितेंद्र नाथ: राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
  • राहुल कुमार: राज्य महासचिव एवं प्रवक्ता
  • राजेश रंजन सिंह: राज्य महासचिव एवं नालंदा जिला प्रभारी
  • बिपिन कुमार चौरसिया: राज्य महासचिव एवं जमुई जिला प्रभारी
  • प्रमोद यादव: राज्य महासचिव एवं लखीसराय जिला प्रभारी
  • पप्पू मंडल: शेखपुरा जिला अध्यक्ष

ये सभी नेताओं ने अपने इस्तीफे उपेंद्र कुशवाहा को भेज दिए हैं। जितेंद्र नाथ ने कहा, “मैं 9 साल से पार्टी के साथ हूं, लेकिन यह फैसला वंशवाद का क्लासिक उदाहरण है।” वहीं, महेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि कुशवाहा “नैतिक मूल्यों की बातें करते हैं, लेकिन सत्ता के लिए परिवार को तरजीह दे देते हैं।”

कारण: बेटे को मंत्री बनाना और वंशवाद के आरोप

  • RLM के पास 4 विधायक हैं, लेकिन दीपक प्रकाश (36 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियर, न तो विधायक हैं और न ही विधान परिषद सदस्य) को मंत्री पद दिया गया।
  • उम्मीद थी कि कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा (हाल ही में सासाराम से विधायक बनीं) को यह पद मिलेगा, लेकिन परिवार के एक सदस्य को प्राथमिकता देकर अन्य वरिष्ठों को नजरअंदाज किया गया।
  • नेताओं का कहना है कि यह फैसला पार्टी के समाजवादी सिद्धांतों के खिलाफ है और “पार्टी को पति-पत्नी-बेटे की निजी संपत्ति बना दिया गया।”

उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिक्रिया

कुशवाहा ने इसे “कठिन निर्णय” बताया और कहा, “समुद्र मंथन में अमृत के साथ विष भी निकलता है। कुछ को विष पीना पड़ता है।” उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुराना बयान उद्धृत किया: “खाना खाते वक्त मक्खियां भन-भनाएंगी, बाएं हाथ से भगाते रहिए, दाएं से खाते रहिए।” दीपक प्रकाश की योग्यता पर कुशवाहा ने कहा कि वे योग्य इंजीनियर हैं और जल्द ही राज्य विधान परिषद (MLC) के सदस्य बन सकते हैं, जिससे उनका मंत्री पद वैध हो जाएगा।

अन्य प्रतिक्रियाएं और संभावित प्रभाव

  • बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने इस्तीफों पर टिप्पणी की, लेकिन विस्तार से कुछ नहीं कहा।
  • सोशल मीडिया पर बहस तेज: कई यूजर्स ने इसे “परिवारवाद” का उदाहरण बताया, जबकि कुछ ने NDA की स्थिरता पर सवाल उठाए।
  • राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे RLM में और टूट हो सकती है, खासकर 2025 के बिहार चुनावों के बाद पार्टी की स्थिति पहले से कमजोर थी। एक करीबी ने कहा, “कुशवाहा को परिवार के अलावा किसी पर भरोसा नहीं, इससे चिराग पासवान जैसी स्थिरता नहीं मिल पाएगी।”

यह घटना बिहार NDA गठबंधन के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि RLM एक छोटी लेकिन कुशवाहा समुदाय पर प्रभाव रखने वाली पार्टी है।

-क़मर फ़ारुकी

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