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रूस–भारत शिखर सम्मेलन: पुतिन आज भारत पहुंचे, हो सकते हैं बड़े फ़ैसले?

India–Russia- summit-2025

नई दिल्ली, 4 दिसंबर 2025 — रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin आज शाम लगभग 6:35 बजे दिल्ली पहुँचे, 2-दिन के राजकीय दौरे के लिए। उनका आगमन 23वें India‑Russia Annual Summit के मद्देनज़र हो रहा है — जो कि दोनों देशों के गहन और ‘विशेष व привिलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ उद्देश्य को फिर से स्थापित करेगा।

दौरे का एजेंडा — सिर्फ बातचीत नही, बड़े समझौते भी

  • इस दौरे में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, मीडिया और सांस्कृतिक सहयोग जैसे कई आयामों पर चर्चा होगी।
  • रक्षा-सहयोग में विशेष रुचि दिखाई जा रही है: रूस भारत को सशक्त वायु रक्षा प्रणाली S-400 air defence system बेचे जाने की संभावना है।
  • ऊर्जा एवं व्यापार को भी महत्व दिया जाएगा. रूस पहले से ही भारत को ऊर्जा (विशेषकर तेल) की आपूर्ति करता रहा है, और दोनों देश चाहते हैं कि व्यापार और भी विविध एवं संतुलित हो — जैसे कि भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, कृषि उत्पाद रूस भेजना, और रूस से ऊर्जा, कच्चे माल आदि लेना। (Reuters)

🇮🇳🇷🇺 शिखर सम्मेलन की राजनीतिक और आर्थिक महत्ता

  • यह दौरा इस साल रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक कूटनीतिक उठापटक के बीच हो रहा है — इसलिए इसे सिर्फ “दोस्त देशों की मुलाक़ात” नहीं, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक महत्व वाले फैसलों का मंच माना जा रहा है। (The Guardian)
  • भारत–रूस व्यापार 2024 में बढ़कर लगभग USD 63.6 बिलियन हो चुका है, और 2030 तक इसे और बढ़ाने की योजना है। इस दौरे में दोनों देश 2030 तक आर्थिक और रक्षा-सहयोग की रूप-रेखा (road-map) फाइनल कर सकते हैं। (India Today)

दिल्ली में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी, तैयारियाँ पूर्ण

  • राष्ट्रपति Putin के आगमन से पहले दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं — VVIP मार्गों को सील कर, anti-drone व्यवस्था, ट्रैफिक नियोजन, और हाई-प्रोफाइल इंतज़ाम किए गए हैं। (India Today)
  • कल (5 दिसंबर) को Rashtrapati Bhavan में औपचारिक स्वागत और राज्य भोज (state banquet) होगा। इसके बाद PM Narendra Modi और Putin के बीच विस्तृत वार्तालाप होगी, जिसमें दोनों देशों के बीच कई बड़े समझौते किये जाने की संभावना है। (www.ndtv.com)

क्या हैं संभावित परिणाम — और क्यों है ये दौरा अहम?

  • अगर S-400 या अन्य रक्षा समझौते फाइनल होते हैं — तो भारत की रक्षा व्यवस्था में बड़ी ताज़गी आएगी।
  • व्यापार और आर्थिक साझेदारी का विस्तार होगा, जिससे नौकरियाँ, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, ऊर्जा सुरक्षा, तथा कृषि-कच्चा माल सहयोग बढ़ने की सम्भावना है।
  • रूस के साथ मजबूत रिश्ते से भारत की विदेश नीति को मजबूती मिलेगी — खासकर amid वैश्विक तनाव, बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों व आर्थिक चुनौतियों के समय।

-क़मर फ़ारुकी | एडिटर

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